Happy Women's Day Quotes: महिला दिवस 8 मार्च 2020 के अवसर पर Inspirational Women's Day Quotes , नारी शक्ति पर कविता, Neeraj Bansal ने दिल को छू लेने वाली एक कविता शेयर की। महिलाओं के जीवन को शब्दों के माध्यम से बयां किया।
पढ़िए देश की महिलाओं को समर्पित Quotes कविता...
बीत जाती है उम्र सारी पर कभी आराम नही करती नारी ||
तू ही देती धरा पर, जीवन को जन्म है
जितना सत्कार करो तेरा उतना कम है
तुझ बिन अधूरा है, सबकुछ इस धरती पर हे नारी,
हे जननी तुझको शत शत नमन है
पालने को हर सांस, संभालने को धरती
रब ने जमीन पर उतरी है सांसों की क्यारी,
सबसे प्यारी जीवन की जरूरत है नारी
औरत ही होती है इस धरती की धुरी
औरत होती हर साँस के लिये जरूरी
क्या बताऊं औरत की अहमियत तुम्हें
बिन औरत धरा पर हर एक बात अधूरी
![]() |
womens day quotes in hindi |
पृथ्वी की-सी क्षमता, सूर्य जैसा तेज,
समुद्र की-सी गम्भीरता, चन्द्रमा की-सी शीतलता,
पर्वतों की-सी मानसिक उच्चता
हमें एक साथ नारी के ह्रदय में दृष्टिगोचर होती है।
भगवान को भी अपने गर्भ में रखने की ताक़त रखती हूँ,
कितना ही मुझे कुचलो
मैं 'गर्व' से अपने सर को उठाकर चलती हूँ,
अपने "बच्चों" के लिए सारे 'जहर' आसानी से पी लेती हूँ।
हाँ मैं स्त्री हूँ.....
नारी तुम प्रेम हो, आस्था हो, विश्वास हो,
टूटी हुई उम्मीदों की एक मात्र आस हो
हर जान का तुम ही तो आधार हो
नफरत की दुनिया में तुम ही तो प्यार हो
उठो अपने अस्तित्व को संभालो
केवल एक दिन ही नहीं
हर दिन के लिए तुम खास हो।
Read More Hindi Suvichar:
Poem on Womens day in Hindi: कौन करता शेर सवारी
कौन करता अब शेर सवारी हैहजारों उलझनों में उलझी है हर नारी
कौन करता अब शेर की सवारी है
मजबूरी जरूरत में ही सब देते है स्नेह
वरना तो किसको लगती है बेटियां प्यारी
अगर ना चढ़े हम पर किसी और का रंग
तो सबसे ज्यादा, विश्व में बातें है दमदार हमारी
दे देना ख़ुशी ख़ुशी वतन की खातिर जान
सबसे बड़ी धरती पर यही है कलाकारी
कौन करता है आजकल बूढ़े कंधों की सवारी
पैदा होते ही सबको भाती मोटर लारी है
आ कर दे, अ हमदम तू उसको भी पूरी
जो भी बची मेरी चाहतें तुझ पर उधारी है
कौन है देवता जमीन पर, ढूंढ कर लाओ उसे
इधर उधर मत देखो, घर में बैठी माँ है प्यारी
मत डरो प्यारों, इन गहन अंधकारों से तुम
हर अँधेरी रात के बाद आती, सुबह उजियारी है
जिस देश के नौजवान डूबे रहतें है सदा व्यसनों में
उस देश की समझो हर जगह होनी हार है करारी
जरा संभल कर कदम बढ़ाना जिंदगी के सफर में
यारों यहां हर मोड़ पर ताक में बैठा है कोई शिकारी
मत कहो 'नीरज' के लिखने को पागलपन अ लोगों
रूह को जो लग चुकी है,ये वो है अदभुत बिमारी
नीरज रतन बंसल 'पत्थर'
Women's day Quotes: जन्नत की परी हूँ मैं
जन्नत की परी हूँ मैं, पर धरा पर रहती हूँहर मानव के जिस्म में, मैं जान बनकर बहती हूँ
मत दो सिर्फ मुझे तुम नाम एक अबला का
रोशन करती जो जहान को, मैं वो रोशनी हूँ
मैं सिर्फ एक औरत नही, मैं जिंदगी हूँ
मैं ही हर हाथ की लकीर लिखती हूँ
मैं ही धरा की नई तकदीर लिखती हूँ
पर शायद मैं खुद अपना ही भाग्य लिख ना पाई
ध्यान से समझो मुझे, मैं रब की बंदगी हूँ
मैं सिर्फ एक औरत नही, मैं जिंदगी हूँ
हर वक्त रहती है मेरे रुख पर सोच, उदासी
मैं नीर होकर भी अकसर रह जाती प्यासी
लाखों बरस बीते, पर सोच ना बदली जमाने की
जो कभी पूरी नही होती, मैं वो तिशनगी हूँ
मैं सिर्फ एक औरत नही, मैं जिंदगी हूँ
अकसर हो जाती मैं जमाने की हवस का शिकार
ढेरों कानून आये, पर मैं ढूंढती रहती अपने अधिकार
पतझड़ का मौसम, मत समझो मुझे मेरे प्यारों
जो महकाती सदा घर आँगन को, मैं वो ताजगी हूँ
मैं सिर्फ एक औरत नही, मैं जिंदगी हूँ
मैं हर जिस्म में अदभुत जां बनकर रहती
मैं कभी बहु, कभी बेटी, कभी माँ बनकर रहती
जो सदा अपनों पर जान लुटाने को रहती आतुर
मैं वो दिवानगी, वो आवारगी, वो सादगी हूँ
मैं सिर्फ एक औरत नही, मैं जिंदगी हूँ
नीरज रतन बंसल 'पत्थर'
0 टिप्पणियां